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रुबरु

                रुबरु 

क्या खुब किसी ने कहा था ..
जिस दिन तुझसे मिला
उसी दिन मै खुद से रुबरु हुआ था..
उसकी वो उड़ती जुल्फ़े
 दिल की धडकन बडा रही थी..
उसकी वो खिलखिलाती हँसी
 हर पल उसे अपना बना रही थी..
हर पल बड़ रहा था ..
मेरा दिल हर पल हर घडी थम रहा था..

                एकता चुन्डावत ....

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